सबसे पहले माँ को नमन
पहली बार ब्लॉग लिख रहा हूँ और हमारी परंपरा रही है शक्ति उपासक होने के नाते कि जब भी लेखन का या कोई भी नया काम शुरू करें तो माँ (आदिशक्ति) को याद जरुर करना चाहिए। माँ से प्रार्थना करता हूँ कि मेरे लेखन में सूक्ष्मता से उतरे और कलम के माध्यम से मैं हर बार शब्दों की अञ्जलि उनको समर्पित कर सकूँ ऐसी सच्चाई मेरे शब्दों में बनाये रखे। मैं माँ करणी को प्रणाम कर नवलेखन के इस माध्यम को अपना रहा हूँ उम्मीद है माँ करणी का आशीष वितान सदैव मुझ पर बना रहेगा और उनकी छत्रछाया में मेरा लेखन होता रहेगा।
जय माता दी। जय करणी।।
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